हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित परंपरा "बिहार उल-अनवार" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال اميرالمؤمنين عليه السلام:
مَنْ أَحَبَّنِي وَجَدَنِي عِنْدَ مَمَاتِهِ بِحَيْثُ يُحِبُّ - وَ مَنْ أَبْغَضَنِي وَجَدَنِي عِنْدَ مَمَاتِهِ بِحَيْثُ يَكْرَهُ
अमीरुल मोमेनीन (अ) ने फ़रमाया:
जो मुझसे प्रेम करता है, वह मुझे मृत्यु के समय उसी प्रकार पायेगा जैसे उसने मुझसे प्रेम किया था, और जो मुझसे घृणा करता है, वह मुझे मृत्यु के समय उसी प्रकार पायेगा जैसे उसने मुझसे घृणा की थी।
बिहार उल-अनवार, भाग 6, पेज 188
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